
एक्जिमा क्या है?
एक्जिमा, जिसे डर्मेटाइटिस भी कहते हैं, एक त्वचा की बीमारी है। इसमें त्वचा में खुजली, सूजन और लाल धब्बे हो जाते हैं। यह बीमारी दुनियाभर में बहुत से लोगों को होती है, खासकर बच्चों को। भारत में हर साल 1 करोड़ से ज्यादा लोग इससे प्रभावित होते हैं। यह हाथ, पैर, गले, और पीठ जैसी जगहों पर होता है, लेकिन यह एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलता।
एक्जिमा के प्रकार
एक्जिमा के 7 मुख्य प्रकार होते हैं:
- एटॉपिक डर्मेटाइटिस: यह सबसे आम है और लंबे समय तक रहता है।
- कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस: जब त्वचा किसी चीज से संपर्क में आती है और एलर्जी हो जाती है।
- डाईशीड्रॉटिक एक्जिमा: इसमें हाथों और पैरों में छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं।
- न्यूरोडेर्माटिटिस: इसमें शरीर के किसी एक हिस्से में बहुत खुजली होती है।
- नउम्मुलर एक्जिमा: इसमें सिक्के के आकार के दाने होते हैं जिनमें खुजली होती है।
- सेबोररहेक डर्मेटाइटिस: यह आमतौर पर सिर और पीठ पर होता है।
- स्टेसिस डर्मेटाइटिस: यह पांवों में खराब रक्त संचार के कारण होता है।
एक्जिमा के लक्षण
एक्जिमा के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- बहुत ज्यादा खुजली, खासकर रात में
- त्वचा में सूखापन
- लाल और भूरे धब्बे
- त्वचा में पपड़ी जमना
- हाथ, पैर, और गले पर असर
- फिसर्स बनना
- छोटे-छोटे फुंसी
- हल्की सूजन
- त्वचा का रंग बदलना
एक्जिमा के कारण
एक्जिमा निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:
- इम्यून सिस्टम का अत्यधिक काम करना
- जेनेटिक या पारिवारिक इतिहास
- खराब पर्यावरण
- विटामिन बी-6 की कमी
- तनाव
- अत्यधिक गर्मी या ठंड
- हार्मोनल बदलाव
- साबुन और केमिकल उत्पादों से एलर्जी
- कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी
एक्जिमा से बचने के टिप्स
एक्जिमा से बचने के लिए ये उपाय अपनाएं:
- त्वचा को नम रखें
- खुजली न करें
- प्रभावित त्वचा को ढक लें
- परेशानी करने वाले साबुन और शैम्पू का उपयोग न करें
- तनाव कम करें
- अंडे और दूध के उत्पादों से परहेज करें
- नट्स और बीजों से बचें
- साफ कपड़े पहनें
- प्रभावित स्थान पर ठंडा दबाव डालें
- प्रभावित जगह पर तेल लगाएं
- सुबह की धूप लें
- अत्यधिक धूप से बचें
एक्जिमा के घरेलू नुस्खे
नीम और हल्दी
- सामग्री: नीम के पत्ते और हल्दी पाउडर
- नीम के पत्तों का पेस्ट बनाएं।
- उसमें एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं।
- इस पेस्ट को प्रभावित हिस्से पर लगाएं और 30 मिनट तक रहने दें।
नीम का तेल
- सामग्री: सरसों का तेल और नीम के पत्ते
- 200 मिली सरसों का तेल गर्म करें।
- उसमें 50 ग्राम नीम के पत्ते डालें और तब तक पकाएं जब तक पत्ते काले न हो जाएं।
- तेल को छानकर एक बोतल में भर लें।
- इस तेल को प्रभावित हिस्से पर 30 मिनट तक लगाएं, दिन में 4 बार उपयोग करें। लंबे समय तक इस्तेमाल करें।
एलोवेरा
- सामग्री: एलोवेरा
- एलोवेरा की पत्ती से जेल निकाल लें।
- जेल को अच्छी तरह मिक्स करके पेस्ट बना लें।
- इस पेस्ट को प्रभावित हिस्से पर लगाएं और 30 मिनट तक रहने दें।
नीम, शहद और हल्दी
- सामग्री: नीम के पत्ते, शहद, और हल्दी पाउडर
- नीम के पत्तों का पेस्ट लें।
- उसमें एक चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाएं।
- इस पेस्ट को प्रभावित हिस्से पर लगाएं और 30 मिनट तक रहने दें।
नीम का तेल, हल्दी और एलोवेरा
- सामग्री: नीम का तेल, शुद्ध हल्दी पाउडर और एलोवेरा जेल
- एक चम्मच हल्दी पाउडर में एक चम्मच एलोवेरा जेल और दो चम्मच नीम का तेल मिलाएं।
- इस मिश्रण को अच्छे से मिला लें और प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
- 30 मिनट तक रखें और नियमित रूप से उपयोग करें।