
गले में दर्द का अनुभव अधिकतर बड़े लोगों में देखा जाता है। हालांकि, अब यह समस्या युवाओं में भी दिखने लगी है। गले की पेशियाँ और हड्डियाँ गर्दन के मूवमेंट में मदद करती हैं, और एक ही अवस्था में लंबे समय तक रहना, ठीक से न सोना, या गलत मुद्रा में बैठने से दर्द हो सकता है। सामान्यतः यह दर्द कुछ ही दिनों में खत्म हो जाता है, लेकिन बुजुर्गों में यह अधिक समय तक रह सकता है।
गले में दर्द के प्रकार:
- एक्यूट गले का दर्द: यह दर्द एक हफ्ते के अंदर ठीक हो जाता है।
- सबएक्यूट गले का दर्द: यह दर्द चार हफ्ते तक बना रहता है।
- क्रोनिक गले का दर्द: यह दर्द लंबे समय तक रहता है और बुजुर्गों को अधिक प्रभावित करता है।
गले में दर्द के कारण:
- गलत मुद्रा में सोना
- शरीर में पानी की कमी
- एक ही स्थिति में रहना
- कंप्यूटर का लंबे समय तक उपयोग
- धूम्रपान
- पारिवारिक इतिहास
गले में दर्द के लिए क्या करें और क्या न करें:
क्या करें:
- सही स्थिति में सोएं।
- रोजाना गले और कंधे का व्यायाम करें।
- प्रचुर मात्रा में पानी पिएं।
- गले की मालिश करें।
क्या न करें:
- पेट के बल न सोएं।
- एक ही कंधे पर बैग न टाँगें।
- लंबे समय तक एक ही स्थिति में न रहें।
गले में दर्द के घरेलू उपचार:
- अजवाइन और हींग:
अजवाइन और हींग की पोटली बनाकर गले पर गर्म सेंक करें। - जायफल का पेस्ट:
जायफल को पानी में घिसकर पेस्ट बनाएं और गले पर लगाएं। - तिल या सरसों का तेल:
हल्का गर्म तिल या सरसों का तेल लेकर गले की मालिश करें। - गर्म पानी का बैग:
गले पर गर्म पानी का बैग रखें। - अजवाइन, लहसुन, अदरक और तिल का तेल:
इन सभी सामग्रियों को मिलाकर गले की मालिश करें।