
फंगल इन्फेक्शन (जिसे माइकोसिस भी कहा जाता है) एक सामान्य त्वचा संबंधी रोग है, जो फंगस के कारण होता है। इस संक्रमण से दुनियाभर में करोड़ों लोग प्रभावित होते हैं, और हर साल भारत में लगभग 10 लाख नए मामले सामने आते हैं। फंगल इन्फेक्शन एक संक्रामक रोग है, जो दूषित वस्तुओं और संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से फैल सकता है।
फंगल इन्फेक्शन के कारण
फंगल इन्फेक्शन मुख्य रूप से निम्नलिखित कारणों से होता है:
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना
- गंदगी और खराब स्वच्छता
- गंदे कपड़े या तौलिया का उपयोग
- गर्म और आर्द्र मौसम
- टाइट कपड़े पहनना
फंगल इन्फेक्शन के लक्षण
फंगल इन्फेक्शन के लक्षणों में शामिल हैं:
- त्वचा पर खुजली और जलन
- लाल धब्बे या रैशेस
- त्वचा पर छोटे दाने
- सूजन और जलन
- त्वचा का सफ़ेद होना
आयुर्वेदिक उपचार और घरेलू नुस्खे
- सरसों के बीज का पेस्ट
सामग्री: सरसों के बीज और पानी
विधि: दो चम्मच सरसों के बीज का पाउडर पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे प्रभावित हिस्से पर नियमित रूप से तब तक लगाएं जब तक इन्फेक्शन ठीक न हो जाए। - लहसुन और शहद का मिश्रण
सामग्री: लहसुन और शहद
विधि: लहसुन की कलियों को पीसकर शहद में मिलाएं और पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को इन्फेक्शन वाली जगह पर लगाएं और सूखने पर धो लें। - बेकिंग सोडा पेस्ट
सामग्री: बेकिंग सोडा और पानी
विधि: बेकिंग सोडा को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे प्रभावित हिस्से पर 20-25 मिनट तक लगाएं। इसके बाद इसे गुनगुने पानी से धो लें। - टी ट्री आयल
सामग्री: टी ट्री आयल
विधि: प्रभावित हिस्से पर धीरे-धीरे टी ट्री आयल लगाएं। यह तेल फंगल इन्फेक्शन को ठीक करने में सहायक होता है। - सेब का सिरका
सामग्री: सेब का सिरका
विधि: सेब के सिरके की कुछ बूंदें प्रभावित हिस्से पर लगाएं। सिरके में मौजूद एसिड फंगस को मारने में मदद करता है।
फंगल इन्फेक्शन से बचाव के उपाय
- रोजाना स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- प्रभावित हिस्से को साफ और सूखा रखें।
- टाइट कपड़े पहनने से बचें।
- नारियल का तेल और प्राकृतिक एंटीफंगल उपचारों का उपयोग करें।