
फ्लू (इन्फ्लूएंजा) एक सामान्य वायरल संक्रमण है जो श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। यह मुख्य रूप से नाक, गले और फेफड़ों पर असर डालता है। हर साल दुनिया भर में लाखों लोग फ्लू से प्रभावित होते हैं, जिसमें से 6.5 लाख से ज्यादा लोग जान गंवाते हैं। भारत में हर साल 10 मिलियन से ज्यादा फ्लू के मामले दर्ज किए जाते हैं और हजारों लोग इस बीमारी से प्रभावित होते हैं। खासकर बच्चे और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग ज्यादा संवेदनशील होते हैं। फ्लू के फैलाव को रोकने के लिए सावधानी बरतनी जरूरी है। फ्लू को ठीक करने के लिए घरेलू उपायों का पालन करें।
फ्लू क्या है?
फ्लू एक वायरल बीमारी है जो श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्सों जैसे नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करती है। यह छूत की बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे में तेजी से फैलती है। सामान्य लक्षणों में कमजोरी, बुखार, खांसी, सिर दर्द और नाक बहना शामिल हैं। कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं। खूब पानी पीना और आराम करना आवश्यक है।
फ्लू के प्रकार:
- टाइप A फ्लू: यह वायरस पक्षियों से आता है और महामारी का रूप ले सकता है।
- टाइप B फ्लू: यह मनुष्यों को प्रभावित करता है।
- टाइप C फ्लू: मनुष्यों और सूअरों को प्रभावित करता है।
- टाइप D फ्लू: यह मनुष्यों को प्रभावित नहीं करता।
फ्लू के लक्षण:
- कमजोरी
- शरीर में दर्द
- बुखार
- सिर दर्द
- गला खराब
- खांसी
- बहती या बंद नाक
- थकान
- छींकना
फ्लू के घरेलू उपचार:
- शहद और दालचीनी का मिश्रण
- प्याज और शहद का मिश्रण
- मेथी पाउडर, नींबू और अदरक का पानी
- अदरक, नींबू और ग्रीन टी
- सौंफ, दालचीनी और पुदीने का काढ़ा