
हार्ट ब्लॉकेज
हार्ट, या हृदय, शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो रक्त को ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्वों के साथ पूरे शरीर में पहुंचाता है। यह अंग अत्यधिक व्यस्त रहता है, और इसके स्वास्थ्य में लापरवाही से गंभीर हृदय समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल दस हजार लोगों में से 272 हार्ट डिजीज या हृदय रोग से मरते हैं। सालाना लगभग 30 लाख लोग स्ट्रोक और दिल के दौरे से अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें से 40% लोग 55 वर्ष से कम आयु के होते हैं। भारत में यह आंकड़ा हर साल तेजी से बढ़ रहा है।
हार्ट ब्लॉकेज दिल के दौरे और स्ट्रोक का कारण बनता है।
क्या है हार्ट ब्लॉकेज?
जब हृदय में रक्त संचारित करने वाली कोरोनरी धमनियां पूरी तरह से रक्त नहीं पहुंचा पातीं या पूरी तरह बंद हो जाती हैं, तो इसे हार्ट ब्लॉकेज कहते हैं। कोरोनरी धमनियों में प्लेक के जमा होने से रक्त का प्रवाह प्रभावित होता है, जिससे हार्ट ब्लॉकेज होता है। इससे हृदय के उस हिस्से की कोशिकाएं मरने लगती हैं, और गंभीर स्थितियों में हार्ट अटैक भी हो सकता है।
हार्ट ब्लॉकेज के प्रकार:
- पहली डिग्री हार्ट ब्लॉकेज – हृदय में रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है।
- दूसरी डिग्री हार्ट ब्लॉकेज – इसमें दो प्रकार होते हैं:
- टाइप 1: रक्त का प्रवाह बहुत धीमा हो जाता है।
- टाइप 2: अधिकांश रक्त अणु हृदय तक पहुंचते हैं, लेकिन कुछ अणु ब्लॉकेज से नहीं गुजर पाते।
- तीसरी डिग्री हार्ट ब्लॉकेज – सबसे गंभीर प्रकार, जिसमें रक्त प्रवाह पूरी तरह से बंद हो जाता है और संपूर्ण हृदय प्रभावित होता है।
हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण:
- सीने में दर्द
- चक्कर और बेहोशी
- थकावट
- सांस लेने में कठिनाई
- दिल की अनियमित धड़कन
- ठंडा पसीना
- दिल में हलकी तकलीफ
हार्ट ब्लॉकेज के कारण:
- धूम्रपान
- हाइपरटेंशन
- डायबिटीज
- उच्च कोलेस्ट्रॉल
- मोटापा
- उम्र बढ़ना
- पारिवारिक इतिहास
- अत्यधिक तनाव
- अस्वस्थ खानपान
- शारीरिक निष्क्रियता
- शराब का सेवन
हार्ट ब्लॉकेज से बचने के उपाय:
- धूम्रपान बंद करें
- नियमित व्यायाम करें
- वजन नियंत्रित रखें
- तनाव कम करें
- डायबिटीज और उच्च कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें
- स्वस्थ भोजन का सेवन करें
पांच बेहतरीन घरेलू उपाय हार्ट ब्लॉकेज से बचने के लिए:
- पहला उपाय:
सामग्री: आधा कप लहसुन का रस, आधा कप अदरक का रस, आधा कप नींबू का रस, आधा कप एप्पल साइडर विनेगर, आधा कप शहद
विधि: लहसुन और अदरक को उबालकर उनका रस निकालें। बाकी सामग्री को मिलाएं और उबालें जब तक मात्रा 1/3 न हो जाए। ठंडा करके शहद मिलाएं। रोजाना सुबह एक चम्मच सेवन करें। - दूसरा उपाय:
सामग्री: 1 लहसुन की कली, 1 सेब, 1 चम्मच जैतून का तेल, 1 इंच अदरक, 2 चुटकी काली मिर्च, 2 चुटकी लाल मिर्च, आधा कप पानी, आधे नींबू का रस
विधि: सभी सामग्रियों को मिलाकर 5-10 मिनट तक पीसें। एक हफ्ते तक रोजाना सेवन करें, फिर हर दो दिन में सेवन करें। - तीसरा उपाय:
सामग्री: अदरक, लहसुन, नींबू
विधि: अदरक और लहसुन को पीसकर उबालें। छानकर नींबू का रस मिलाएं। शाम को पिएं। - चौथा उपाय:
सामग्री: 1 केला, बेरीज (स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी), दही, बादाम, संतरा
विधि: समान मात्रा में बेरीज, दही, और बादाम लें। एक सेब और केला मिलाकर ब्लेंड करें। रोजाना सेवन करें। - पांचवा उपाय:
विधि: लौकी का जूस निकालकर रोजाना पिएं, ठंड के मौसम में लौकी का सूप भी लाभकारी है।